Friday, April 1, 2016

Police

माना कि है पुलिस बुरी,
पर बिना पुलिस के रहकर देखो।
रोकेंगे हर राह दरिंदे,
बिना पुलिस के चलकर देखो।।
कोई नहीं समय सीमा  है,
कोई नहीं ठिकाना है।
जहाँ जहाँ भी पड़े जरूरत,
वहां वहां भी जाना है।।
दिन को ड्यूटी रात को पहरा,
एक रात तो कर कर देखो।
बिना पुलिस के चलकर देखो।।
इनका वेतन भी ना काफी सा,
काम हमेशा करना है।
गर्मी जाड़ा बारिश में भी,
भाग भाग कर मरना है।।
पुलिस भला तुमबनकर देखो।।
बिना पुलिस के चलकर देखो।।
छुट्टी तक को तरस रहे हैं,
पोस्टमार्टम इन्हें कराना,
रहते रोज जनाज़े पर।।
राजनीति के हथकण्डे से,
कभी कभी तो बचकर देखो।
बिना पुलिस के चलकर देखो।।
ये भी लाल लाडले माँ के,
इनके भी परिवार रहे।
होली ईद दशहरा पर भी,
इनके आंसू रोज बहे।।
बात अगर हो लाख टके की,
इनकी पीड़ा मिलकर देखो।
बिना पुलिस के चलकर देखो।।

No comments:

Post a Comment